Rabi Crops : बढ़ती ठंड से बिगड़ सकता है खेती का हिसाब, जानिए कैसे करें रबी फसलों का बचाव
जानें, कैसे बढ़ती ठंड और पाला से रबी फसलों को नुकसान हो सकता है और फसलों को बचाने के उपाय क्या हैं। मौसम विभाग की चेतावनी और कृषि विशेषज्ञों की सिफारिशें पढ़ें।
Rabi Crops : बढ़ती ठंड से बिगड़ सकता है खेती का हिसाब, जानिए कैसे करें रबी फसलों का बचाव
Rabi Crops : New Delhi, India – 13 January 2025: जनवरी का महीना खेती की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस समय उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिसका सीधा प्रभाव रबी फसलों पर पड़ सकता है। कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, यदि जनवरी के दूसरे पखवाड़े में ठंड प्रचंड होती है और घने कोहरे के बीच पाला गिरता है, तो गेहूं, सरसों और आलू की फसलों को नुकसान हो सकता है।
ठंड का फसलों पर प्रभाव
भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरके सोहाने के अनुसार, प्रमुख रबी फसल गेहूं की बुआई के बाद उसके पौधे की वृद्धि और पोषण के लिए जनवरी का आदर्श तापमान 7 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। अधिकतम तापमान 22 डिग्री से अधिक हो जाने पर उपज पर असर पड़ता है, जबकि न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से कम होने पर पाला की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
फसल | आदर्श तापमान | प्रभाव |
---|---|---|
गेहूं | 7 से 22 डिग्री सेल्सियस | तापमान अधिक या कम होने पर उपज पर असर |
सरसों | 7 से 22 डिग्री सेल्सियस | पाला गिरने से फूल और पत्तियां क्षतिग्रस्त |
आलू | 7 से 22 डिग्री सेल्सियस | पाला गिरने से झुलसा रोग की संभावना |
मौसम विभाग का अनुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जनवरी के दूसरे पखवाड़े में पहाड़ों पर दो पश्चिमी विक्षोभ आने का अनुमान जारी किया है। इसका मतलब है कि मैदानी क्षेत्रों के न्यूनतम तापमान में और गिरावट आएगी, जिससे ठंड बढ़ेगी और कोहरा घना होगा। पाला गिरने की आशंका भी बढ़ रही है, जिसका फसलों पर बुरा असर होना तय है।
रबी फसलों का बचाव
रबी फसलों को पाला की चपेट में आने से बचाने के लिए कृषि विज्ञानी हल्की सिंचाई की सिफारिश करते हैं। न्यूनतम तापमान में अत्यधिक गिरावट से ओस की बूंदें जब फसलों पर बर्फ की तरह जमने लगती हैं, तो आलू के पौधे झुलसा रोग की चपेट में आ सकते हैं। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे समय पर सिंचाई करें और फसलों की देखभाल करें।